चंदा मामा कल ना आना
मम्मी जी की थाली में
पुए भी मीठे नहीं बनाना
दूध न देना प्याली में
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बोला हूं मम्मी को अपनी
मुझे झिंगोला एक सिलाओ
ऊंची सी बनवा दो सीढ़ी
' मामा ' से चल मुझे मिलाओ
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नहीं तो चिड़ियों से मिल करके
पवन पुत्र सा मै आऊंगा
सैर करूं नभ तुझ संग मामा
हाथों तेरे ही खाऊंगा
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर5
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश,
भारत
बहुत बहुत धन्यवाद और हार्दिक आभार आप का आदरणीया अनीता जी , बाल मन से जुड़े रहने से अति आनन्द आता है
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद और हार्दिक आभार आप का आदरणीया अनीता जी , बाल मन से जुड़े रहने से अति आनन्द आता है
ReplyDeleteबालमन में उमड़ते भावनाओं को बेहद खूबसूरती से शब्दों में पिरोया है आपने,मन फिर से बच्चा बन गया,अति सुंदर सृजन,सादर नमन आपको
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
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